राजा और बंदर की कहानी |
राजा और बंदर की कहानी | बच्चों की हिंदी कहानियां
एक बार एक राज्य में एक योग्य राजा राज्य करता था। राजा बहुत ही कुशल और वीर शासक था । उसके दुश्मनों में उसका सामना करने की भी हिम्मत नहीं थी, राजा के पराक्रम की चर्चा दूर दूर तक थी ।
राजा जानवरों से बहुत प्यार करता था । उसने अपने राज्य के सभी जानवरों के खाने और पीने की बहुत ही अच्छी व्यवस्था कर रखी थी, उसके राज्य के सभी जानवर बहुत ही खुश थे ।
राजा को सभी जानवरों में बंदर बहुत ज्यादा पसंद थे इस कारण राजा को बंदरों के महल में आने जाने से भी कोई आपत्ति नहीं थी ।
बंदर की कहानी
राजा ने एक मुर्ख बंदर को अपना मित्र बना रखा था और वो बंदर हर समय राजा के साथ ही रहता था यंहा तक की जब राजा रात को सोता तो बंदर भी उसी शयन कक्ष में ही सोता था ।
वो बंदर बहुत ही मुर्ख था, बंदर राजा के सभी जानवरों के और अपने प्रति प्यार देख कर बहुत खुश था और वो भी राजा की सेवा करना चाहता था, इसलिए जब भी राजा सोता तो बंदर राजा के हाथ-पैर की मालिश कर देता था ।
ये भी पढ़ें -
बंदर की कहानी
एक दिन बंदर ने सोचा की, राजा के दुश्मन बहुत ज्यादा है और रात के समय सारे सेनिक सो जाते है, इसलिए उसे रात के समय राजा की सुरक्षा करनी चाहिए, इसलिए बंदर ने रात होते ही अपने हाथ में तलवार ली और राजा के शयन कक्ष के दरवाजे पर खड़ा हो गया और राजा की निगरानी करने लगा ।
बंदर ने देखा की एक मक्खी राजा को नींद में परेशानी कर रही है और बार-बार कभी राजा के मुंह पर, कभी नाक पर बेठ रही है ।
यह देख कर बंदर को बहुत गुस्सा आ गया उसने सोचा की मेरे प्रिय राजा को एक मक्खी कैसे तंग कर सकती है । बंदर, राजा के पास आकर खड़ा हो गया और मक्खी पर नजर रखने लगा कुछ देर में मक्खी राजा के गर्दन पर आकर बेठ गयी ।
बंदर की कहानी
बंदर ने मक्खी के बेठते ही बिना कुछ सोचे समझे तलवार से मक्खी पर पूरी ताकत से प्रहार कर दिया लेकिन मक्खी उड़ गयी और राजा की गर्दन कट चुकी थी और राजा मर चूका था ।
नैतिक शिक्षा :- मूर्ख मित्र से हमेशा सावधान रहें। वह आपको आपके दुश्मन से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।