sher or chuhiya story in hindi
sher or chuhiya story in hindi
 

शेर और चूहा की कहानी हिंदी में

शेर और चूहा की कहानी एक प्रसिद्ध पंचतंत्र कहानी है, जो सिख और नीति को समझाने का उद्देश्य रखती है। यह कहानी आपको यह बताएगी कि अकेला शक्तिशाली होना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि समझदारी भी महत्वपूर्ण है।

 

शेर और चूहा की कहानी: -1 

 

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक शेर रहता था। वह शेर बहुत शक्तिशाली था और उसे अपनी शक्ति पर गर्व था। एक दिन, वह अपनी शक्ति को दृढ़ करने के लिए बहुत सारे जानवरों के साथ वार्ता करने का निर्णय लिया।

 

उसने अगले ही दिन एक सभा बुलाई और जंगल के सभी जानवरों को आमंत्रित किया। सभी जानवर उसकी शक्ति के सामर्थ्य में हैरान थे और उनमें भय बना रहता था। शेर ने अपनी शक्ति की बहार बताई और सबको बताया कि वह जंगल का सर्वश्रेष्ठ और सबसे शक्तिशाली जानवर है।

 

इस सभा में एक बहुत छोटा सा चूहा भी बैठा हुआ था। चूहा ने शेर की बातें सुनी और उसने समझा कि अगर वह भी शक्तिशाली बनना चाहता है, तो उसे शेर की तरह बनना होगा।

 

चूहा ने शेर से मिलकर उससे शिक्षा लेने का निर्णय किया। शेर ने चूहे की इच्छा को देखकर हंसते हुए कहा, "तू शक्तिशाली नहीं हो सकता, तू तो एक छोटा सा चूहा है।"


 sher or chuhiya story in hindi-


चूहा ने अपनी कमजोरी को देखकर भी हार नहीं मानी और शेर से उसकी मार्गदर्शन की अनुमति प्राप्त की। शेर ने उसे बताया कि शक्ति ही सबकुछ नहीं होती, समझदारी और योजना बनाना भी महत्वपूर्ण है।

 

चूहा ने शेर की सिखों को ध्यान से सुना और वह जंगल के छोटे-मोटे कामों को बड़ी समझदारी से करने लगा। उसने अपनी छोटी-सी सोच को बड़ा करके जंगल में एक अच्छा स्थान हासिल किया और अपनी बुद्धिमत्ता से शेर को भी हराया।

 

कहानी का सार

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि शक्ति के बजाय, समझदारी और समर्पण से ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। बड़ी शक्ति बिना समझदारी के केवल भय और असुरक्षा बरपूर नहीं कर सकती है।

 


 

शेर और चूहा की कहानी:-2

 

शेर और चूहा एक क्लासिक कथा है जिसका श्रेय प्राचीन यूनानी कथाकार ईसप को जाता है। कहानी यह नैतिक पाठ सिखाती है कि सबसे छोटा प्राणी भी बहुत मददगार हो सकता है, और दयालुता को कम नहीं आंका जाना चाहिए।

 

शेर और चूहा:

 

एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था। जंगल का राजा होने के कारण सभी जानवर उससे डरते थे। एक दिन, जब शेर आराम कर रहा था, गलती से एक छोटा चूहा उसकी पीठ पर आ गया। शेर, छोटे जीव को महसूस करते हुए जाग गया और उसने तुरंत अपने विशाल पंजे से चूहे को पकड़ लिया।

 

sher or chuhiya story in hindi-


चूहा डर से कांपने लगा और उम्मीद करने लगा कि शेर उसे खा जाएगा। हालाँकि, शेर ने चूहे को खाने के बजाय दया दिखाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, "मैं तुम्हें जाने दूंगा, छोटे चूहे, क्योंकि तुम मेरा मनोरंजन करते हो। लेकिन याद रखना, एक दिन तुम्हें मेरी मदद की आवश्यकता हो सकती है, और मुझे आशा है कि तुम मेरी दयालुता को याद रखोगे।"

 

चूहे ने, बच जाने के लिए आभारी होकर, शेर को धन्यवाद दिया और भाग गया।

 

कई दिनों के बाद, शेर एक शिकारी के जाल में फंस गया। अपनी अपार ताकत के बावजूद, वह मुक्त नहीं हो सका। शेर के जोरदार संघर्ष ने चूहे का ध्यान आकर्षित किया। शेर की बात याद करके चूहा फंसे हुए शेर के पास आया और बोला, “चिंता मत करो मेरे दोस्त, मैं तुम्हारी मदद करूंगा।

 

चूहा अपने नुकीले दांतों से जाल की रस्सियों को कुतरने लगा। इसमें कुछ समय लगा, लेकिन अंततः चूहा शेर को छुड़ाने में कामयाब रहा।

 

आश्चर्यचकित और आभारी शेर को एहसास हुआ कि सबसे छोटा प्राणी भी बहुत मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, "आज, मैंने सीखा है कि दयालुता कभी व्यर्थ नहीं जाती, और किसी को भी छोटी की शक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए।"

 

उस दिन के बाद से, शेर और चूहा असंभावित दोस्त बन गए, जिससे साबित हुआ कि दयालुता के कार्य, चाहे कितने भी छोटे क्यों न हों, हमेशा सार्थक होते हैं।

 

कहानी का सार 

यह है कि किसी को भी दयालुता के मूल्य को कम नहीं आंकना चाहिए और मदद सबसे अप्रत्याशित स्रोतों से आ सकती है।