चूहा और शेर की कहानी |
चूहा और शेर की कहानी
दोस्तों आज हम चूहा और शेर की कहानी पढेंगे यह बहुत ही पुरानी और मजेदार कहानी है । इस कहानी से हमको सीख मिलती है की प्रेम और दया कभी व्यर्थ नहीं जाते आप दया से वो काम कर सकते है । जो आप बल से नहीं कर सकते।
एक बार एक घने जंगल में एक शेर रहता था। दोपहर का समय था और शेर शिकार करके अपना पेट भर चूका था और अब उसे बहुत तेज नींद आ रही थी और वो एक बड़े छाया दार पेड़ के नीचे अपने बड़े सिर को अपने पंजे पर टिकाकर सो गया ।
उसी समय वंहा एक छोटा सा चूहा आया जो बहुत ही शरारती था और उसने यह भी नहीं देखा की वह जिस सोये हुवे जानवर के साथ शरारत कर रहा है वो इस जंगल का राजा है और बहुत बड़ा और शक्तिशाली है और अगर उसकी नींद खुल गयी और उसे गुस्सा आ गया तो वो अपने बड़े से पंजे के एक ही वार से उसे जान से खत्म कर सकता है ।
चूहा और शेर की कहानी
लेकिन चूहे की शेतानियों की हद पार हो गयी और चूहा जल्दबाजी में शेर की नाक के ऊपर चला गया। इससे शेर जाग गया और उसने छोटे से चूहे को मारने के लिए अपना विशाल पंजा चूहे की ऊपर रख दिया ।
चूहा बुरी तरह से डर गया और उसे अब लगने लगा था की उसकी मौत आ गयी है । फिर उसने शेर से एक बार उसे छोड़ देने के लिए भीख माँगी और कहा की वह आइन्दा ऐसी गलती नहीं करेगा और उसने शेर से कहा की एक दिन वह भी उसके काम आएगा ।
यह सुनकर शेर चकित हो गया और जोर जोर से हंसने लगा और सोचने लगा कि इतना छोटा चूहा कभी उसकी मदद कैसे कर सकता है। लेकिन वह अच्छे मूड में था और शेर को चूहे पर दया आ गयी और उदारता में उसने आखिरकार चूहे को जाने दिया।
उसके कुछ दिनों बाद एक शिकारी ने शेर का शिकार करने के लिए एक जाल बिछाया । शेर जंगल में घूमते घूमते वंहा पहुंचा और गलती से जाल में फंस गया । शेर ने जाल से निकलने के लिए अपना पूरा बल लगा दिया । लेकिन जाल को काट नहीं पाया अब शाम हो चुकी थी । शेर थक चूका था । शेर को अब अपनी केद या फिर मौत नजर आ रही थी । शेर बुरी तरह से जोर जोर से दहाड़ने लगा ।
चूहा और शेर की कहानी
उसी समय एक चूहा वंहा से गुजर रहा था । उसने शेर की दहाड़ सुनी और शेर को शिकारी के जाल से मुक्त करने के लिए कड़ी मशक्कत की और उस चूहे ने अपने छोटे छोटे और नुकीले और तीखे दांतों से तेजी जाल को कुतर दिया और जाल में एक बड़ा छेद कर दिया और जल्द ही शेर उस बड़े छेद से बाहर आ गया और खुद को शिकारी के जाल से आज़ाद कर पाया।
शेर ने अपनी मदद के लिए छोटे चूहे को धन्यवाद दिया और चूहे ने उसे याद दिलाया कि बहुत समय पहले आप ने मुझ पर दया करके मुझे प्राण दान दिए थे । चूहे ने कहा की मैंने आपको कहा था की एक दिन में भी आपकी मदद कर दूंगा और तब आप मुझ पर जोर जोर से हँसे थे । लेकिन आपने मुझ पर दया करके मुझे छोड दिया था ।
चूहा और शेर की कहानी
शेर को सारी बात याद आ गयी और उसे अहसास हुवा की हर जानवर के पास अलग अलग हुनर होता है और आपका किसी के प्रति प्रेम और दया कभी भी बेकार नहीं जाते है । और जो काम प्रेम और दया से हो सकते है वो कभी भी बल से नहीं हो सकते है । इसके बाद, शेर और चूहा अच्छे दोस्त बन गए और जंगल में खुशी से रहने लगे।
शिक्षा :- प्रेम और दया कभी व्यर्थ नहीं जाते आप दया से वो काम कर सकते है जो आप बल से नहीं कर सकते ।
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