bhediya aur bakri ke 7 bacche kahani
भेड़िया और बकरी के 7 बच्चे 

 

भेड़िया और बकरी के 7 बच्चे कहानी

 

बहुत समय पहले की बात बात है। एक बकरी अपने 7 बच्चों के साथ एक घर में रहती है। लेकिन बकरी को अपने और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए भोजन लाने के लिए जंगल में जाना होता है।

 

लेकिन बकरी को यह चिंता होती है के एक दुष्ट भेडिये की नजरे उसके बच्चों पर है और वो दुष्ट भेड़िया मोका पाते ही उसके बच्चों के मार कर खा जायेगा।

 

इसलिए बकरी अपने बच्चों के समझाती है की वह भोजन के लिए बाहर जा रही है तुम दरवाजा बंद रखना वो दुष्ट भेड़िया तुम्हे खाने के लिए आएगा और तुम्हे धोखा देने की कोशिश करेगा लेकिन तुम मेरी आवाज और मेरे पेरो से मुझे पहचान सकते हो।

 

यह कहकर बकरी भोजन के लिए जंगल चली जाती है और बकरी के 7 बच्चे दरवाजा बंद कर लेते है।

 

मोका पाकर थोड़ी देर बाद वो दुष्ट भेड़िया बकरी के घर के दरवाजे पर आता है और अपनी आवाज को बदल कर कहता है। बच्चों दरवाजा खोलो तुम्हारी ममा आ चुकी है और तुम्हारे लिए तुम्हारा पसंदीदा भोजन लाई है।

 

लेकिन बकरी के 7 बच्चें भेडिये की कर्कश आवाज पहचान लेते है और दरवाजा नहीं खोलते है। फिर भेड़िया बाजार जाता है और बाजार से शहद चुराता है और शहद खाकर अपनी आवाज को नरम और पतली करता है।

 

भेड़िया और बकरी के 7 बच्चे

 

फिर दुष्ट भेड़िया बकरी के घर के दरवाजे पर आता है और अपनी आवाज को बदल कर कहता है। बच्चों दरवाजा खोलो तुम्हारी ममा आ चुकी है और तुम्हारे लिए तुम्हारा पसंदीदा भोजन लाई है।

 

इस बार बकरी के बच्चे उस मीठी और पतली आवाज को अपनी माँ की आवाज समझते है और दरवाजा खोलने वाले ही होते है। इतने में बकरी के सबसे छोटे बच्चे ने अपने बड़े भाइयों को दरवाजा खोलने से रोका और गेट की दरार से बाहर देखा।

 

छोटे बच्चे ने भेडिये के बड़े और काले पेरो को पहचान लिया और दरवाजा नहीं खोला और भेड़िया फिर से चला जाता है।

 

अबकी बार भेड़िया एक आटे की चक्की पर जाता है और वंहा से कुछ आटा चुराता है और उस आटे से अपने पेरों को सफ़ेद कर लेता है और फिर दुष्ट भेड़िया बकरी के घर के दरवाजे पर आता है और अपनी आवाज को बदल कर कहता है। बच्चों दरवाजा खोलो तुम्हारी ममा आ चुकी है और तुम्हारे लिए तुम्हारा पसंदीदा भोजन लाई है

 

बकरी के बच्चे उस आवाज को मीठी और पतली और गेट के दरार से सफ़ेद पांवों को देखकर खुश होते है उन्हें लगता है की उनकी ममा आ गयी है और दरवाजा खोल देते है।

 

भेड़िया और बकरी के 7 बच्चे

 

दरवाजा खुलते ही भेड़िया उन बकरी के बच्चों पर हमला बोल देता है। बकरी का सबसे छोटा बच्चा एक बड़ी संदूक में छुप जाता है। भेड़िया काफी भूखा होता है। वो जल्दी जल्दी में बकरी के बच्चों को जिन्दा ही निगल जाता है।

 

बकरी के 6 बच्चों को निगलने के बाद भेड़िया जरा भी चल नहीं पाता और पास के एक पेड़ के नीचे सो जाता है।

 

इतने देर में बकरी अपने घर आती है और देखती है की उसके घर का दरवाजा खुला पड़ा है। बकरी जल्दी से अन्दर जाती है। बकरी का छोटा बच्चा संदूक से बाहर निकल कर आता है और अपनी माँ को सारी बात बताता है।

 

बकरी देखती है की भेड़िया पास के पेड़ के नीचे पेट फुलाया सो रहा है और वह हिल भी नहीं सकता है। बकरी अपने सबसे छोटे बच्चे को जल्दी से कैंची, एक सुई और कुछ धागा लाने के लिए कहती है।

 

भेड़िया और बकरी के 7 बच्चे

 

बकरी भेड़िये का पेट खोलती है और अपने 6 बच्चों को भेडिये के पेट से बाहर निकाल लेती है और भेडिये के पेट को चट्टानों से भर देती हैं और भेडिये के पेट की वापस सिलाई कर देती है।

 

जब भेड़िया उठता है तो वह बहुत प्यासा होता है। वह पानी पीने के लिए नदी के पास जाता है लेकिन चट्टानों के वजन के कारण नदी में गिर जाता है और डूब जाता है। बकरी और बकरी के 7 बच्चे अब ख़ुशी ख़ुशी रहने लगते है।