kabutar aur chinti ki kahani
कबूतर और चींटी की कहानी

 

कबूतर और चींटी की कहानी

 

दोस्तों आज हम आपको एक मजेदार और एक अच्छी सीख देने वाली कबूतर और चींटी की कहानी सुनाने वाले है इस कहानी से हमे सीख मिलती है की हमे हमेशा दूसरों के साथ अच्छा करोगे, तो निश्चित ही तुम्हारे साथ अच्छा ही होगा। हमेशा बिना किसी स्वार्थ दूसरों की भलाई करो ।

 

बहुत समय पहले की बात है। भयंकर गर्मी पड़ रही थी। जंगल के तालाब सूख चुके थे। एक चींटी पानी की खोज में इधर उधर घूम रही थी।

 

कुछ देर इधर-उधर घूमने के बाद चींटी नदी के पास आ गई। चींटी पानी पीने के लिए एक छोटी चट्टान पर चढ़ गई। चींटी पानी पीने की कोशिश करने के दौरान फिसल कर नदी में गिर गई।

 

नदी के किनारे एक पेड़ की एक शाखा पर एक कबूतर बैठा था, जिसने चींटी को नदी में गिरते देखा। कबूतर ने जल्दी से पेड़ से एक पत्ता तोडा और अपनी जान बचाने की कोशिश कर रही चींटी के पास नदी में गिरा दिया।

 

चींटी पत्ती की ओर बढ़ी और पत्ती पर चढ़ गई। जल्द ही, पेड़ की पत्ती तेरती हुई नदी के किनारे आ गयी और चींटी पेड़ के पत्ते से उतर गई।

 

कबूतर और चींटी की कहानी

 

चींटी ने पेड़ पर बेठे कबूतर की ओर देखा और कबूतर को उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया।

 

इसके कुछ दिनों बाद में, जंगल में एक पक्षी पकड़ने वाला आया। उसने एक कबूतर को सोये हुए देखा। पक्षी पकड़ने वाले ने अपने जाल को, कबूतर को पकड़ने के लिए कबूतर पर फेंकने की तेयारी की । 

 

 

कबूतर और चींटी की कहानी
कबूतर और चींटी की कहानी

एक चींटी ने पक्षी पकड़ने वाले को देखा और अनुमान लगाया कि वह क्या करने वाला है। कबूतर आराम कर रहा था और उसे पक्षी पकड़ने वाले के बारे में कोई पता नहीं था। चींटी जल्दी से कबूतर पकड़ने वाले के पांव पर चढ़ गयी और उसके पैर पर काट लिया ।

 

कबूतर पकड़ने वाले को पांव में हल्का सा दर्द महसूस हुआ और पक्षी पकड़ने वाले ने अपना जाल गिरा दिया और कबूतर पकड़ने वाले के मुंह से एक हल्की चीख निकली। यह सुनकर कबूतर जाग गया और कबूतर पकड़ने वाले को देखा और जल्दी से उड़ गया।

 

 

कबूतर और चींटी की कहानी hindi kahaniya
कबूतर और चींटी की कहानी

कबूतर और चींटी की कहानी

 

कबूतर ने चींटी को केद से बचाने के लिए धन्यवाद दिया, तब चींटी ने कबूतर से कहा की कुछ दिन पहले आप ने भी मेरी जान बचाई थी और जो दूसरों के साथ अच्छा करता है उसके साथ बुरा कैसे हो सकता है। यह कहकर चींटी अपने घर चली गयी और कबूतर उड़ कर चला गया।  

 

शिक्षा :- अगर तुम दूसरों के साथ अच्छा करोगे, तो निश्चित ही तुम्हारे साथ अच्छा ही होगा । हमेशा बिना किसी स्वार्थ दूसरों की भलाई करो ।

 

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