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10+ सफल बिजनेस मैन की कहानी |
10+ सफल बिजनेस मैन की कहानी | संघर्ष से सफलता
दोस्तों आज हम पढेंगे की संघर्ष से सफलता केसे प्राप्त होती है और कैसे आम आदमी सफल बिजनेस मैन बने, दोस्तों हिन्दी कहानियों की इस श्रंखला में आपको ऐसी सच्ची ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक कहानियां हमेशा मिलती रहेगी, तो चलिए बिना देर किये जानते है ।
रजत जैन और मोहित जैन सफल बिजनेस मैन की कहानी
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रजत जैन और मोहित जैन सफल बिजनेस मैन की कहानी |
दोस्तों जब दो भाइयों 34 वर्षीय रजत जैन और 31 वर्षीय मोहित जैन ने 2013 में किमिरिका को लॉन्च किया, तो वे 100 वर्ग फुट के एक छोटे से कमरे में काम करते थे। दोनों पर कर्ज भी था और उनके पास रुपये भी नहीं थे और उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा था ।
लेकिन उन्होंने देखा था कि अंतरराष्ट्रीय होटल ब्रांडों के लिए 70 प्रतिशत से अधिक सुविधा उत्पादों और प्रसाधनों का आयात किया जाता है तो उन्होंने तय किया की वे इन उत्पादों को स्थानीय स्तर पर बना सकते हैं और उन्हें होटलों को बेच सकते हैं।
उनके दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प ने उनकी कम्पनी किमिरिका को कई बाधाओं को दूर करने में मदद की और लक्जरी होटल टॉयलेटरीज़ और गेस्ट रूम सुविधाओं का भारत का सबसे बड़ा निर्माता बनने में मदद की।
किमिरिका हंटर अब 300 करोड़ रुपये की कंपनी है और मैरियट, स्टारवुड, हिल्टन, जुमेराह, हयात, आदि जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय होटल श्रृंखलाओं को अपनी सेवाए देती है।
उमर अख्तर सफल बिजनेस मैन की कहानी
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उमर अख्तर सफल बिजनेस मैन की कहानी |
दोस्तों उमर अख्तर सिर्फ 16 साल के थे जब उनके पिता सैफुल्ला अख्तर बेंगलुरु के एक साड़ी वितरक थे। हैदराबाद में सैफुल्ला अख्तर के खुदरा विक्रेताओं ने दुकाने बंद कर दी और सैफुल्ला का लगभग 8 लाख रुपये का भुगतान अटक गया।
एक दिन उन्होंने सुना कि कोलार का एक छोटा व्यवसायी अपनी छोटी सी दुकान को थोड़े से दाम पर बेच रहा है तो सैफुल्ला अख्तर ने करीबी दोस्तों और परिवार की मदद से दुकान को किराए पर लेने के लिए शुरुआती जमा राशि इकट्ठी करने में कामयाबी हासिल की।
इसी दौरान उमर ग्यारहवीं कक्षा में था तो सैफुल्ला अख्तर को उमर की शिक्षा रोकनी पड़ी, और उमर को कोलार में दुकान सँभालने के लिए भेजना पड़ा।
उमर ने इसे चुनौती की तरह लिया और रात दिन कड़ी मेहनत से अपनी फर्म कोस्की का निर्माण किया और 35 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया । आज इनकी फर्म लहंगे, साड़ी, कपड़े, गाउन और बहुत कुछ बेचती है।
अशोक राजपाल सफल बिजनेस मैन की कहानी
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दोस्तों 2001 में जब 39 वर्षीय अशोक राजपाल 11 वर्षों से कपड़ा व्यवसाय में थे, उन्होंने पेरिफेरल मोबाइल डिवाइस का काम करने का फैसला किया, हालांकि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
अशोक राजपाल ने भाग्य को अपने भाई के साथ मिलकर नेहरू प्लेस नई दिल्ली में एक छोटी मोबाइल एक्सेसरीज़ के खुदरा विक्रेता के रूप में अपनी यात्रा शुरू की।
उनके व्यवसाय का नाम एम्ब्रेन था और उन्होंने स्नैपडील, फ्लिपकार्ट और शॉपक्लूज सहित विभिन्न ईकॉमर्स पोर्टलों के माध्यम से पावरबैंक बेचना शुरू किया।
तीन से चार दिनों के भीतर एम्ब्रेन के पावरबैंक बिक गए, जिससे उद्यमी चकित रह गए। उस समय के बाद से अशोक राजपाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अशोक ने एंब्रेन को 103 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले मोबाइल एक्सेसरीज ब्रांड के रूप में विकसित किया, जिसके अकेले पावरबैंक श्रेणी में 10 मिलियन ग्राहक हैं।
चीनू काला सफल बिजनेस मैन की कहानी
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चीनू काला सफल बिजनेस मैन की कहानी |
चीनू काला 15 साल की थी तब वह परिवारिक कारण के चलते मुंबई आ गई थी। उस वक़्त के सामने एक अंधकारमय और अनिश्चित भविष्य था।
लेकिन चीनू काला ने अपने आत्म विश्वास को कम नहीं होने दिया और कड़ी मेहनत की उन्होंने देखा की भारतीय आभूषण बाजार के इतने बड़े होने के बावजूद उपभोक्ताओं की मांगों को पूरा करने के लिए कोई यूनिक डिजाइन नहीं थे।
चीनू काला ने ब्यूटी पेजेंट और कॉरपोरेट मर्चेंडाइजिंग में अपनी किस्मत आजमाने के बाद 2014 में रूबंस एक्सेसरीज की स्थापना की, जिसमें कॉर्पोरेट मर्चेंडाइजिंग के साथ अपने अनुभव के साथ फैशन के प्रति अपने प्यार को जोड़ा।
रूबंस एक्सेसरीज की शुरुआत फीनिक्स मॉल बेंगलुरु में 70 वर्ग फुट की दुकान में 3 लाख रुपये की पूंजी के साथ की गई थी। पांच साल की अवधि में चीनू काला ने कारोबार को 7.5 करोड़ रुपये के ब्रांड में बढ़ा दिया।
रूबंस एक्सेसरीज की मुंबई में अपनी निर्माण इकाई है और कंगन, झुमके, हार, माथा पट्टी, मांग टिक्का, अंगूठियां और पोशाक और चांदी के आभूषणों का व्यापार करती है।
ज़हीर गाबाजीवाला सफल बिजनेस मैन की कहानी
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ज़हीर गाबाजीवाला सफल बिजनेस मैन की कहानी |
80 के दशक के उत्तरार्ध में ज़हीर गाबाजीवाला एक छोटे, परित्यक्त लिफ्ट शाफ्ट में एक खिलौना कार्यशाला चला रहे थे। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वह किसी मॉल या बाज़ार में नियमित रूप से काम करने की जगह किराए पर ले सके।
कच्चे माल के लिए उन्हें लोगों को उनका माल उधार बेचने के लिए राजी करना पड़ा। यह निश्चित रूप से एक निराशाजनक स्थिति थी, लेकिन गाबाजीवाला ने हार नहीं मानी।
उन्हें उनके पिता के आकस्मिक निधन के बाद एक मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्हें कॉलेज छोड़ने और अपने भाई के साथ जुड़ने और पारिवारिक व्यवसाय चलाने के लिए मजबूर किया गया था। उनके भाई के साथ उनकी पहली वर्कशॉप मुंबई के भायखला में 25 वर्ग फुट की एक छोटी सी जगह में थी ।
ज़हीर गाबाजीवाला की कड़ी मेहनत, पसीने और अपने संघर्ष को झेलते हुए, ज़हीर ने धीरे-धीरे अपनी कार्यशाला को 15 करोड़ रुपये के व्यवसाय में बदल दिया और उन्होंने अपनी फर्म में 100 लोगों को रोजगार भी दिया, अब ज़हीर गाबाजीवाला की इस फर्म को ज़ेफिर टॉयमेकर्स के नाम से जाना जाता है। यह वर्तमान में भारत की सबसे बड़ी स्वदेशी खिलौना निर्माण कंपनियों में से एक है और प्रसिद्ध खिलौना ब्रांड मैकेनिक्स और ब्लिक्स बनाती है।
केशव नाथ कपूर सफल बिजनेस मैन की कहानी
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केशव नाथ कपूर सफल बिजनेस मैन की कहानी |
केशव नाथ कपूर का कानपुर शहर के आभूषण बाजार में चमकने का सपना था ।
उनके पास व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई धन नहीं था इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी के 200 ग्राम के आभूषणों को पिघलाकर काशी ज्वैलर्स के साथ अपने व्यसाय की यात्रा शुरू की।
उनके पोते श्रेयांश कपूर कहते हैं, “मेरे दादाजी ने पहली बार नचघर, कानपुर (अब-बिरहाना रोड पर) में एक छोटी सी दुकान खोली और आभूषण के टॉप थ्री निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं में से एक बन गए।
इन वर्षों में, पारिवारिक व्यवसाय में वृद्धि हुई और 11,000 वर्ग फुट में फैले एक फ्लैगशिप स्टोर और चार कारखानों को खोला गया जो व्यापक थोक नेटवर्क को पूरा करते हैं। कंपनी साल-दर-साल 30 फीसदी की ग्रोथ प्राप्त कर रही है।
कमल खुशलानी सफल बिजनेस मैन की कहानी
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कमल खुशलानी सफल बिजनेस मैन की कहानी |
कमल खुशलानी की हमेशा से ही फैशन रिटेल बिजनेस में गहरी दिलचस्पी थी। हालांकि, एक मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से आने और 19 साल की उम्र में अपने पिता को खोने के कारण, उनके पास एक ऐसा ब्रांड शुरू करने के लिए पैसे नहीं थे, जो भारतीय पुरुषों के लिए प्रगतिशील फैशन की पेशकश करता हो।
अंत में अपने सपने पर निर्माण शुरू करने के लिए, उन्होंने अपनी मौसी से 10,000 रुपये उधार लिए और अपनी उद्यमशीलता की यात्रा में शामिल हो गए। उन्होंने 1992 में 'मिस्टर एंड मिस्टर' शर्ट कंपनी की शुरुआत की, एक छोटी सी वर्कशॉप से पुरुषों के लिए शर्ट का निर्माण और खुदरा बिक्री शुरू की ।
उन्होंने 1998 में मुफ्ती की शुरुआत की, जब वह अपनी बाइक पर किलो कपड़ा ले जाते थे और उसे कार्यशाला में छोड़ देते थे और फिर बिक्री के लिए तैयार उत्पादों को लेने के लिए वापस आते थे। सालों तक उन्होंने अपने व्यवसाय से अर्जित धन को पुनर्चक्रित करते हुए यह सब स्वयं किया।
और फिर 2000 के दशक में मुफ्ती ने प्रमुखता प्राप्त की, विशेष ब्रांड आउटलेट से लेकर मल्टी-ब्रांड आउटलेट और बड़े प्रारूप वाले स्टोर तक विस्तार किया। आज कंपनी के प्रत्यक्ष पेरोल पर 600 से अधिक कर्मचारी हैं, अप्रत्यक्ष रूप से 2,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं, और पिछले साल 395 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
मरियम मोहुइदीन सफल बिजनेस वुमैन की कहानी
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मरियम मोहुइदीन सफल बिजनेस वुमैन की कहानी |
जब 48 वर्षीय मरियम मोहुइदीन ने मंगलुरु में पश्चिमी व्यंजनों की मांग को देखा तो उन्हें लगा कि यह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए अपने पाक कौशल का उपयोग करने का सही समय है।
दिसंबर 2014 में उन्होंने बेकर्स ट्रीट शुरू की, जो 200 वर्ग फुट की बेकरी है, जो घर का बना सामान बेचती है। वह कहती हैं, "चीजों ने खूबसूरती से उड़ान भरी और सब कुछ सही समय पर सही जगह पर हुआ, और तीन साल में ही एक शानदार कैफे बनाने में कामयाब हुई।"
2017 में मरियम ने लगभग 20 लाख रुपये का निवेश किया और बेकर्स ट्रीट को केक, कपकेक, बर्गर, पास्ता और शेक के लिए एक रेस्तरां में बदल दिया गया। इसे उन्होंने अपनी बचत और पारिवारिक निवेश के माध्यम से आंशिक रूप से वित्त पोषित शुरू किया था।
आज मरियम का व्यवसाय 19-सदस्यीय, 2,200sqft, 90-सीटर रेस्तरां है। इसमें रोजाना करीब 150 ग्राहक आते हैं।
पुनीत कंसल सफल बिजनेस मैन की कहानी
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पुनीत कंसल सफल बिजनेस मैन की कहानी |
2009 में 18 वर्षीय उद्यमी पुनीत कंसल ने अपने काठी रोल व्यवसाय, रोल्स मेनिया की शुरुआत मात्र 20,000 रुपये से की थी। वह मगरपट्टा शहर के एक रेस्तरां के बाहर एक टेबल के आकार का कियोस्क चला रहे थे और उनके पास सिर्फ एक शेफ था।
सोर्सिंग और अकाउंट से लेकर डिलीवरी तक उन्होंने स्वय यह सब किया। उन्हें कियोस्क खाली करने के लिए कहा गया था, इसलिए उन्होंने उसी इमारत में एक आउटलेट स्थापित करने का फैसला किया।
पुनीत जी का कहना है की शुरू में, मेरे पास सिर्फ एक कियोस्क था, और मुझे हर दिन ग्राहकों की बढ़ती संख्या मिल रही थी। इस अवधि के दौरान, मुझे गगन सियाल और सुखप्रीत सियाल नामक दोस्त और साथी मिले, उन्होंने पहले ही रेस्तरां उद्योग में अपना पैर जमा लिया था। फिर हमने एक पंजीकृत कंपनी के रूप में रोल्स मेनिया का गठन किया, और 2010 में दूसरा आउटलेट खोला।
तीनों ने मिलकर एक साथ अच्छा काम किया और ब्रांड को मजबूती से आगे बढ़ाया, इसे फ्रैंचाइज़ी मॉडल के माध्यम से 30 से अधिक शहरों में फैले 102 आउटलेट के साथ 35 करोड़ रुपये के व्यवसाय में बदल दिया, और प्रत्येक दिन लगभग 12,000 रोल बेच रहे हे।
दोस्तों हमने कई सफल बिजनेस मैन की कहानी पढ़ी लेकिन दोस्तों हमे इन सफल बिजनेस मैन की कहानी से कुछ सीखना चाहिए की कैसे इन्होने कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए सफलता प्राप्त की, दोस्तों में यक़ीनन कह सकता हूँ की अगर आप भी कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास रखेंगे तो निश्चित ही एक सफल बिजनेस मैन बन सकते है। उक्त आंकड़े कुछ पूर्व इन्टरनेट पर दिए गये वेबसाइट से लिए गये है इसलिए परिवर्तित हो सकते है।